Friday, July 16, 2010

बिहार में चैनल वार

बिहार में एक औऱ चैनल आने वाला है...सुना है, इसलिए नहीं लिख रहा...बिहार में इन दिनों चैनलों के बीच एक तरह का वार चल रहा है। इनमें तीन चैनलों में काम करने का अनुभव है सो आज कल बिहार के चैनलों को देख कर पता नहीं क्यों अच्छा नहीं लगता। अभी खुद महुआ न्यूज में काम करता हूं लेकिन न्यूज रुम में जिस तरह से सारे चैनलों के बीच मारामारी देखता हूं....उसका क्या कहें। बिहार के प्रमुख चैनलों में ईटीवी बिहार, सहारा, महुआ न्यूज, मौर्या और साधना। फिलहाल महुआ न्यूज नंबर वन पर है। पिछले कुछ दिनों से चैनल नंबर वन पर है। यहां ये सभी चैनल ही नंबर वन की लड़ाई में है। कुछ अंकों के मामले से कोई नंबर वन बन जाता है तो कोई पीछे रह जाता है। इसके बाद आप इन न्यूज चैनलों के न्यूज रूम के हाल का अंदाजा लगा सकते है। इसी में राष्ट्रीय चैनलों की भी बात है। इंडिया टीवी, स्टार न्यूज, आज तक, एनडीटीवी, जी न्यूज ये भी दर्शकों को खीचते है। रीजनल चैनलों के बीच खबरों को लेकर गजब की मारामारी है।यहां एक्सक्लुसिव की कुछ इस तरह होड़ है आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। अगर आप एक साथ बिहार के सभी रीजनल चैनल देख रहे है तो आप कन्फ्यूज हो सकते है। सब जगह एक्सक्लुसिव टैग लगा होता है। एक चैनल तो हर खबर को ही एक्सक्लुसिव दिखाता है। ये पता होते हुए कि दूसरे चैनल के पास विजु्अल है फिर भी। पता नहीं क्यों? खैर...अगर आप ये सोच कर बैठे है कि तीन बजे ये प्रोग्राम आना है तो जरूरी नहीं कि आप वो देख सके। पटना की सड़कों पर हंगामा की कोई खबर आधा घंटे तक चल सकती है...लाइव एंड एक्सक्लुसिव। कहीं के तोड़फोड़ के शॉट आधा घंटे तक चल सकते है। वो भी लाइव एंड एक्सक्लुसिव। एक्सक्लुसिव का ये फंडा एक चैनल के आने से आया। आप यकीन करेंगे कि आपके यहां जो खबर एक्सक्लुसिव चल रही है उसे कोई दूसरा उड़ा भी सकता है। सिर्फ उड़ा कर चला ही नहीं सकता वो भी एक्सक्लुसिव टैग के साथ। है ना कमाल...ये होता है। अब आप इसे लापरवाही की हद तो नहीं कह सकते ...शर्मनाक हादसा कह लें या टीआरपी के चक्कर में कुछ भी करेगा वाली शैली.....चुनावी साल है सो सारे चैनल जबरदस्त तरीके से होड़ में है....कोई खबर पहले चाहे जैसे तैसे भी कैसे चले....इसका सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है। फोनो,लाइव तो सेकेंडों में तैयार हो जाते है। इधर कई बार ऐसा हुआ कि जो बुलेटिन मैने बनाई वो चैनल के सारे कार्यक्रमों में पहले स्थान पर रही...यानी जिसे ज्यादा लोगों ने देखा या फिर जिसकी टीआरपी सर्वाधिक रही। हालाकि मैं साफ कर दूं इस टैम रिपोर्ट में मुझे निजी तौर पर कोई रुचि नहीं। ये पूरा आइडिया ही मुझे बेकार लगता है। कुछ सौ घरों में ये टीआरपी बॉक्स लगे है जैसा कहा जाता है और ये बिहार और झारखंड की रेटिंग तय करते है। अपना बुलेटिन नंबर वन पर होने पर मैं ज्यादा उछल नहीं पाता क्योंकि इस पर मुझे यकीन ही नहीं। पहली दफा याद है २६ जनवरी की नौ बजे की बुलेटिन नंबर पर थी। आप समझ सकते है २६ जनवरी को तो कोई नौटंकी नहीं ही कर सकता। तो वो बुलेटिन सबसे ज्यादा लोगों ने देखी। जिसे मैने बनाया था। अब मैं यहां से हटा रहा हूं क्योंकि पूरी टीम की मेहनत होती है। इन दिनों सुबह के शिफ्ट में होने पर ज्यादा दबाव होता....सारा लफड़ा, सारा हंगामा, सारा बवाल यहीं पर होता है....पांच बजे तक की बुलेटिन तक....फिर सब शांत हो जाता है....ब्रेकिंग खबर इनपुट से आउटपुट पहुंचेगी औऱ फिर जल्दी से ब्रेक कर फोनो, लाइव और जो भी खेल जाइए....ये सब होता है...ये जरूरी नहीं कि ११ बजे की बुलेटिन ११३० में खत्म हो जाएगी...संभव है एक बजे तक चलता रहा....प्रोग्राम ड्राप करने की जहां तक बात है तो बिहार के चैनलों के बीच ये होड़ जबरदस्त है....पहली तस्वीरें लोगों को दिखाने की उत्सुकता या फिर सबसे पहले सिर्फ हमारे चैनल पर....सो अगर २ बजकर २५ मिनट पर कोई विजुअल अगर आपके पास आते है....थोड़ा सा भी दमदार लगे तो आप तीन बजे तक इंतजार नहीं कर सकते...अगर आप नहीं शुरू करेंगे तो शायद दूसरा चैनल शुरू कर देगा.....सो यहां सुबह की शिफ्ट में कोई ब्रेक नहीं है......दे दना दन स्टाइल में खबर चलती रहे.....एक्सक्लुसिव लगाना ना भूलें....चोरी का भी डर है....विजुअल चोरी हो जाने का.....सब तो नहीं लेकिन कोई है जो विजुअल चोरी में जी जान से जुटा रहता है.....आप इसे सही कहें या गलत.....या फिर उनकी खबर चोरी करने की बेकरारी या फिर जल्दी खबर दिखाने के लिए कुछ भी करने का तरीका। कभी कभार अच्छा लगता है जब दर्शक फोन लाइन पर होते है और चैनल को धन्यवाद कहते है। शायद यहीं दिल को थोड़ा सा आनंद दे पाता है। तनाव को कम कर पाता है। वैसा ही आज हुआ जब हम बारह बजे से एक बजे तक पीपली लाइव की पारुल से खास बातचीत कर रहे थे। वो दर्शकों के सवालों का जवाब दे रही थी। मुजफ्फरपुर की एक छोटी सी बच्ची ने पीपली लाइव में काम किया है। वहीं महंगाई डायन खाय जायत है वाली फिल्म। कई दर्शक पारुल को बधाई देने के साथ-साथ महुआ न्यूज़ को भी बधाई दे रहे थे। कुछ देर के लिए अच्छा लग रहा था। कि तभी फिर हम हंगामा के विजुअल में व्यस्त हो गए। दूसरे सारे भी। आज पटना में कई जगहों पर हंगामा बरपा। कहीं छात्रों ने बवाल किया तो कहीं मौत पर लोगों का गुस्सा भड़का। जाते-जाते लिखना पड़ा हंगामे की राजधानी.....आज सचिन पायलट भी बिहार में थे उनकी पीसी भी लाइव थी। इधर ट्रेजरी घोटाले की सीबीआई जांच के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। चुनाव तक ऐसे माहौल को बनाए रखने की बात है। करीब साढ़े ग्यारह हजार करोड़ की अवैध निकासी का मामला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत ४६ लोगों पर आरोप है। मामले की सीबीआई जांच के आदेश हो गए। आज सचिन पायलट ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पायलट बोले कि केन्द्र ने राज्य सरकार को ९५ हजार करोड़ रुपए दिए है जिसमें से साढे ग्यारह हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया। अब केन्द्र कोई पैसा नहीं देगी। उन्होने ये भी आरोप लगाया कि नीतीश सरकार एड पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है....हाल ही में नीतीश ने केन्द्रीय मंत्रियों पर आरोप लगाया था कि वे चुनाव के मद्देनजर बयानबाजी कर रहे है सो पायलट ने तगड़ा जबाव दिया। सो बिहार में रीजनल चैनलों के बीच जबरदस्त होड़ मची है....इसी में कभी कभार खबर का असर वाली स्टोरी जरा सी खुशी दे जाती है तो कभी दर्शकों की इस तरह की प्रतिक्रिया...कुछ दिन पहले एक दोस्त का फोन आया था....कह रहें थे कि अच्छा प्रोग्राम चल रहा है....ये सब ना होता सिर्फ टीआरपी होती तो फिर क्या कुछ अच्छा भी लगता। अंत में एक बात इसमें ना तो किसी चैनल पर आरोप लगाने की मेरी मंशा है और ना हीं किसी चैनल की तारीफ।

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